गहलोत के बयान पर मदन राठौड़ का पलटवार, कहा-गहलोत ने अपने युवा उपमुख्यमंत्री को क्यों मारा?बिहार में युवा नेतृत्व की तारीफ करते है, लेकिन यहां खुद ही आगे आना चाहते है..संविधान की हत्या कांग्रेस ने की, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें

गहलोत के बयान पर मदन राठौड़ का पलटवार, कहा-गहलोत ने अपने युवा उपमुख्यमंत्री को क्यों मारा?बिहार में युवा नेतृत्व की तारीफ करते है, लेकिन यहां खुद ही आगे आना चाहते है..संविधान की हत्या कांग्रेस ने की, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें

राजस्थान : मदन राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत बिहार में जाकर युवा नेतृत्व की प्रशंसा कर रहे हैं, युवाओं को आगे बढ़ाने की बात करते हैं। लेकिन राजस्थान में अपने युवा उप मुख्यमंत्री को मारने का काम क्यों किया?


उसको नकारा, निकम्मा क्यों कहा, उसको हतोत्साहित क्यो किया, उसको प्रताड़ित क्यों किया। क्यों 5 साल तक कभी वो युवा उप मुख्यमंत्री अपने विधायकों को लेकर, कभी गहलोत साहब लेकर बैठे रहते थे। अब वहां जाकर युवा के बात करते हैं। यहां उस युवा को प्रोत्साहन क्यों नहीं देते हो।

अभी भी इनके बीच छिपा हुआ युद्ध चल रह है। जो सर्वविदित हैं। वहां उपदेश दे रहे हैं और यहां तो खुद ही आगे आना चाहते हैं। यहां अशोक गहलोत राजनीति में जिंदा रहने के लिए कुछ ना कुछ स्टेटमेंट देते रहते हैं। वे खुद को राजनीति में एक्टिव दिखाने का नाटक कर रहे है।


भाजपा ने रक्षा की, कांग्रेस ने संविधान तोड़ा:जयपुर में मीडिया से बातचीत में मदन राठौड़ ने कहा, भाजपा ने हमेशा संविधान की रक्षा की है. यह पूरा देश जानता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब संसद पहुंचे, तो संसद की सीढ़ियों पर प्रणाम किया. उन्होंने शपथ ग्रहण करने से पहले संविधान को मस्तक पर लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान को तोड़ने-मरोड़ने का काम हमेशा कांग्रेस ने किया है.


कांग्रेस ने चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त किया: मदन राठौड़ ने कहा, शाहबानो प्रकरण में जब सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो को राहत दे दी थी. उसके बाद कांग्रेस सरकार ने संविधान में संशोधन किया और शाहबानो को दी गई राहत को भी वापस ले लिया. संविधान की हत्या तो कांग्रेस ने की है. ऐसे कई मामले हैं. उन्होंने कहा कि देशभर में जनता की चुनी हुई सरकारों को कांग्रेस ने बर्खास्त किया. ऐसा एक नहीं बल्कि करीब 50 बार हुआ.

 

इमरजेंसी में मौलिक अधिकारों से किया वंचित:मदन राठौड़ ने कहा कि देश में इमरजेंसी लगाई गई. इमरजेंसी में संविधान की हत्या की गई. देश के नागरिकों को संविधान में मिले मौलिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया. यहां तक कि मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया. प्रेस पर भी सेंसरशिप लगाई थी. उन्होंने पूछा, यह संविधान की हत्या नहीं तो क्या है. अब अशोक गहलोत यह बातें भूल रहे हैं और संविधान की बातें कर रहे हैं. उन्हें पहले अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए. उन्हें दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपना इतिहास देखना चाहिए.

1 week, 5 days ago राजस्थान