कोटा : MBBS छात्रा का पेपर बिगड़ने से डीप्रेशन के बाद सुसाइड , कोटा मेडिकल कॉलेज में थर्ड ईयर की छात्रा थी

कोटा : MBBS छात्रा का पेपर बिगड़ने से डीप्रेशन के बाद सुसाइड , कोटा मेडिकल कॉलेज में थर्ड ईयर की छात्रा थी

Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. मेडिकल कॉलेज की तृतीय वर्ष की MBBS छात्रा प्राची मीणा ने अपने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. प्राची अपने परिवार के साथ कोटा के आकाशवाणी परिसर स्थित सरकारी आवास में रहती थी. इस घटना ने न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. नयापुरा थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और प्रारंभिक जानकारी में पता चला है कि प्राची परीक्षा में कम अंक आने के कारण तनाव में थी.बड़ी बहन ने उसे कमरे में फंदे से लटका देखा तो मदद के लिए चिल्लाई। पड़ोसियों ने उसे तुरंत एमबीएस अस्पताल पहुंचाया, जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना नयापुरा थाना क्षेत्र की आकाशवाणी कॉलोनी की है।


पिता को लगा बड़ा आघात

 

प्राची के पिता कमल मीणा आकाशवाणी, झालावाड़ में कार्यरत हैं. उनकी पत्नी का निधन कुछ साल पहले हो चुका है. तब से कमल अकेले ही अपने तीन बच्चों की परवरिश कर रहे थे. हर दिन ड्यूटी के बाद वह अपने बच्चों के पास कोटा लौटते थे. प्राची पढ़ाई में बहुत होशियार थी, लेकिन हाल की परीक्षा में कम अंक आने से वह मानसिक दबाव में थी. इस तनाव को वह सहन नहीं कर सकी और उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया , प्राची की पिता बेटी के जाने से बहुत सदमे में है 

 

जांच में आत्महत्या की आशंका


पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है. हालांकि आत्महत्या के पीछे के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है. पुलिस ने छात्रा के दोस्तों और हॉस्टल स्टाफ से पूछताछ शुरू कर दी है. मृतका के परिजनों को सूचना दे दी गई है, जो लालसोट से कोटा के लिए रवाना हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि प्राची मेहनती और शांत स्वभाव की छात्रा थी. वह मेडिकल क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रही थी और अपने भविष्य को लेकर गंभीर थी.


कोटा में बढ़ती छात्राओं की आत्महत्या की घटनाएं


कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मामले लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं. इस साल अब तक कई छात्र और छात्राएं अलग-अलग कारणों से आत्महत्या कर चुके हैं. प्रशासन ने संस्थानों को छात्रों की काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के निर्देश दिए हैं. इस घटना के बाद एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कोटा जैसे शहर में पढ़ाई का दबाव कब तक मासूम जानें लेता रहेगा.

2 weeks ago राजस्थान