ED Action On Anil Ambani: अनिल अंबानी का बंगला और ऑफिस जप्त, ED ने अनिल अंबानी ग्रुप की 3084 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की

ED Action On Anil Ambani: अनिल अंबानी का बंगला और ऑफिस जप्त, ED ने अनिल अंबानी ग्रुप की 3084 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप (Anil Ambani Reliance Group) पर बड़ा एक्शन लिया है. इसके तहत समूह की तमाम संस्थाओं से जुड़ी करीब 3,084 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क की गई हैं. कुर्की के ये आदेश बीते 31 अक्टूबर 2025 को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 5(1) के तहत जारी किए गए थे. जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है, उनमें मुंबई के बांद्रा वेस्ट, पाली हिल में स्थित उनका आवास भी शामिल है. 


अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर आरोप है कि उसने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) के पब्लिक फंड का दुरुपयोग किया. ED के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इन फंड को डायवर्ट किया गया. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार ED के अधिकारियों ने 31 अक्टूबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अनिल अंबानी और उनके समूह से जुड़ी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था.

 

क्या है मामला?


ED ने आरोप लगाया है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने RHFL और RCFL में 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया था. लेकिन 2019 में यह निवेश Non-Performing हो गया. ED ने जांच में पाया कि यह पैसा, जो कि पब्लिक फंड था, उसे गलत तरीके से घुमा-फिराकर अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों तक पहुंचाया गया. ED ने यह भी पाया कि ग्रुप की कंपनियों ने बिना जांच के लोन पास किए. कई मामलों में लोन की फाइल बनने से पहले ही पैसा दे दिया गया. यही नहीं, लोन के कई डॉक्यूमेंट्स अधूरे थे या उन पर तारीख ही नहीं लिखी थी. जिन कंपनियों को लोन दिया गया, उनकी भी माली हालत खराब थी. ED का मानना है कि जानबूझकर फंड्स को घुमाने के लिए यह लापरवाही की गई.

 

RCom में भी मिली गड़बड़ियां


इसके बाद ED ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए अनिल अंबानी के रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCom) और उससे जुड़ी कंपनियों की भी जांच शुरू की. जांच में कथित तौर पर सामने आया कि इन कंपनियों में 13,600 करोड़ से ज्यादा का लोन फ्रॉड किया गया. इनमें से 12,600 करोड़ रुपये संबंधित पक्षों को दिए गए, जबकि 1800 करोड़ रुपये घुमा-फिराकर समूह की कंपनियों में लगाया गया. ED का कहना है कि बिल डिस्काउंटिंग के जरिए वैध लेनदेन दिखाकर बड़े पैमाने पर फंड का हेरफेर किया गया.

4 days, 11 hours ago व्यवसाय